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मंगलवार, 22 जुलाई 2014

जीवन का लक्ष्य (1-15 अक्टूबर 2008) पाक्षिक समाचार पत्र

मेरे फेसबुक के सभी दोस्त "जीवन का लक्ष्य " समाचार पत्र के नए अंक को पढ़ें. आप भी पढ़ें और दूसरों को पढ़ने के लिए भेजें. यदि फेसबुक के मेरे सभी दोस्त या पाठक "जीवन का लक्ष्य " समाचार पत्र को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो http://shakuntalapress.blogspot.in/ यहाँ पर जाकर जहाँ पर यह (यहाँ आप अपना ईमेल भरकर नई प्रकाशित सामग्री ईमेल पर ही प्राप्त कर सकते हैं) लिखा है. अपनी ईमेल भर दें. उसके बाद आपको अपने आप ईमेल से "जीवन का लक्ष्य " समाचार पत्र का नया अंक मिल जायेगा. दोस्तों व पाठकों, अपने बहूमूल्य सुझाव व शिकायतें अवश्य भेजकर मेरा मार्गदर्शन करें. आप हमारी या हमारे समाचार पत्र की आलोचनात्मक टिप्पणी करके हमारा मार्गदर्शन करें और हम आपकी आलोचनात्मक टिप्पणी का दिल की गहराईयों से स्वागत करने के साथ ही प्रकाशित करने का आपसे वादा करते हैं. आपको अपने विचारों की अभिव्यक्ति की पूरी स्वतंत्रता है. लेकिन आप सभी पाठकों और दोस्तों से हमारी विनम्र अनुरोध के साथ ही इच्छा हैं कि-आप अपनी टिप्पणियों में गुप्त अंगों का नाम लेते हुए और अपशब्दों का प्रयोग करते हुए टिप्पणी ना करें. मैं ऐसी टिप्पणियों को प्रकाशित नहीं करूँगा. आप स्वस्थ मानसिकता का परिचय देते हुए तर्क-वितर्क करते हुए हिंदी में टिप्पणी करें.

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